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Showing posts from November, 2024

दवा रहित जीवन

*🏵️‼️ दवा रहित जीवन ‼️🏵️* ☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️ *1.* जल्दी सोना और जल्दी उठना दवा है। *2.* ऊँ का जाप दवा है। *3.* योग प्राणायाम ध्यान और व्यायाम दवा है। *4.* सुबह-शाम टहलना भी दवा है। *5.* उपवास सभी बीमारियों की दवा है। *6.* सूर्य-प्रकाश भी दवा है। *7.* मटके का पानी पीना भी दवा है। *8.* ताली बजाना भी दवा है। *9.* भोजन को खूब चबाना भी दवा है। *10.* भोजन की तरह चबाकर पानी पीना भी दवा है। *11.* भोजन ग्रहण करने के पश्चात वज्रासन में बैठना दवा है। *12.* खुश रहने का निर्णय भी दवा है। *13.* कभी-कभी मौन भी दवा है। *14.* हंसी-मजाक दवा है। *15.* संतोष भी दवा है। *16.* मन की शांति व स्वस्थ शरीर भी दवा है। *17.* ईमानदारी व सकारात्मकता दवा है। *18.* निस्वार्थ प्रेम-भावना भी दवा है। *19.* सबका भला ( परोपकार ) करना भी दवा है। *20.* ऐसा कुछ करना जिससे किसी की दुआ मिले, वह दवा है। *21.* सबके साथ मिलजुल कर रहना दवा है। *22.* परिवार के साथ खाना-पीना और घुलना-मिलना भी दवा है। *23.* आपका हर सच्चा और अच्छा मित्र भी बिना पैसे के पूरा मेडिकल स्टोर ही है। *24.* मस्त रहें, व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें और प्रसन्न चित...

निरोग रहने के दोहे

निरोग रहने के दोहे 1 चैत्र माह में नीम की पत्ती हर दिन खावे। ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे ॥ भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार। डॉक्टर, ओझा, वैद्य का लुट जाए व्यापार।। भोजन करें धरती पर, अल्थी-पलथी मार। चबा-चबा कर खाइये, वैद्य न झाँके द्वार ॥ देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल। अपच, आँख के रोग संग, तन भी रहे निढाल ।। फल या मीठा खाइके, तुरंत न पीजै नीर। ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर ॥ रक्तचाप बढ़ने लगे, तब मत सोचो भाय।  सौगंध राम की खाइ के, तुरंत छोड़ दो चाय ।। 2 अलसी, तिल, नारियल, घी, सरसों का तेल। इसका सेवन आप करें, नहीं होगा हार्ट फेल ॥ सुबह खाइये कुंवर सा, दोपहर यथा नरेश।  भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश।। घूँट-घूँट पानी पियो, रह तनाव से दूर। एसिडिटी या मोटापा, होवें चकनाचूर।।  लौकी का रस पीजिये, चोकर युक्त पिसान। तुलसी, गुड़, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान ॥ भोजन करके खाइये, सौंफ, गुड़, अजवान। पत्थर भी पच जाएगा, जानै सकल जहान ॥ भोजन करके जोहिये, केवल घण्टा-डेढ़। पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड़। 3 जो नहावें गर्म जल से, तन मन हो कमजोर। आँख ज्योति कमजोर हो, शक...

चौरासी लाख योनियों का रहस्य...

चौरासी लाख योनियों का रहस्य... हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है।  अब समस्या ये है कि कई लोग ये नहीं समझ पाते कि वास्तव में इन योनियों का अर्थ क्या है?  ये देख कर और भी दुःख होता है कि आज की पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी इस बात पर व्यंग करती और हँसती है कि इतनी सारी योनियाँ कैसे हो सकती है। कदाचित अपने सीमित ज्ञान के कारण वे इसे ठीक से समझ नहीं पाते।  गरुड़ पुराण में योनियों का विस्तार से वर्णन दिया गया है। तो आइये आज इसे समझने का प्रयत्न करते हैं। सबसे पहले ये प्रश्न आता है कि क्या एक जीव के लिए ये संभव है कि वो इतने सारे योनियों में जन्म ले सके? तो उत्तर है, हाँ।  एक जीव, जिसे हम आत्मा भी कहते हैं, इन ८४००००० योनियों में भटकती रहती है। अर्थात मृत्यु के पश्चात वो इन्ही ८४००००० योनियों में से किसी एक में जन्म लेती है। ये तो हम सब जानते हैं कि आत्मा अजर एवं अमर होती है इसी कारण मृत्यु के पश्चात वो एक दूसरे योनि में दूसरा शरीर धारण करती है। अब प...

आहार के नियम भारतीय 12 महीनों के अनुसार

आहार के नियम भारतीय 12 महीनों के अनुसार ♥️ #चैत्र ( मार्च-अप्रैल) – इस महीने में चने का सेवन करे क्योकि चना आपके रक्त संचार और रक्त को शुद्ध करता है एवं कई बीमारियों से भी बचाता है। चैत्र के महीने में नित्य नीम की 4 – 5 कोमल पतियों का उपयोग भी करना चाहिए इससे आप इस महीने के सभी दोषों से बच सकते है। नीम की पतियों को चबाने से शरीर में स्थित दोष शरीर से हटते है। #वैशाख (अप्रैल – मई)- वैशाख महीने में गर्मी की शुरुआत हो जाती है। बेल का इस्तेमाल इस महीने में अवश्य करना चाहिए जो आपको स्वस्थ रखेगा। वैशाख के महीने में तेल का उपयोग बिल्कुल न करे क्योकि इससे आपका शरीर अस्वस्थ हो सकता है। #ज्येष्ठ (मई-जून) – भारत में इस महीने में सबसे अधिक गर्मी होती है। ज्येष्ठ के महीने में दोपहर में सोना स्वास्थ्य वर्द्धक होता है , ठंडी छाछ , लस्सी, ज्यूस और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। बासी खाना, गरिष्ठ भोजन एवं गर्म चीजो का सेवन न करे। इनके प्रयोग से आपका शरीर रोग ग्रस्त हो सकता है। #अषाढ़ (जून-जुलाई) – आषाढ़ के महीने में आम , पुराने गेंहू, सत्तु , जौ, भात, खीर, ठन्डे पदार्थ , ककड़ी, पलवल, करेला आदि का उपयोग क...