मुक्ति का समय कितना है ? व इसका वर्णन हमारे शास्त्रों में कहां उपलब्ध होता है ?

प्रश्न - मुक्ति का समय कितना है ? व इसका वर्णन  हमारे शास्त्रों में कहां उपलब्ध होता है ? 
उत्तर - शास्त्रों के अनुसार मुक्ति का समय "एक परान्तकाल अर्थात्  31 नील 10 खरब 40 अरब वर्ष" का होता है। मुण्डकोपनिषद् में इसका वर्णन उपलब्ध होता है -
वेदान्तविज्ञानसुनिश्चितार्था: संन्यासयोगाद्यतय: शुद्धसत्त्वा:।
ते ब्रह्मलोकेषु परान्तकाले परामृता: परिमुच्यन्ति सर्वे ।।
अर्थात्  ब्रह्मविद्या के ज्ञान से अपने लक्ष्य को स्थिरता से निश्चय करने वाले, सांसारिक  भोगों व एषणाओं के त्याग करने वाले ईश्वर के साथ सम्बन्ध से,संयमी व शुद्ध अन्त:करण वाले मोक्ष में परान्तकाल पर्यन्त अमर हुए सभी मुक्त हो जाते हैं । मुण्डकोपनिषद् 3/2/6
यहां स्पष्टरुप से कहा गया है कि सांसारिक भोगों व एषणाओं में अनासक्त ,संयमी,शुद्ध अन्त:करण वाले आत्मा जन्म-मरण के बन्धन से छूटकर "परान्तकाल" पर्यन्त ईश्वर के सानिध्य अर्थात् मोक्ष में रहते हैं ।  

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