व्रह्मांड और समय की धारणा l




व्रह्मांड और समय की धारणा l
June 27, 2022
व्रह्मांड और समय की धारणा l
आपको गर्व अनुभव होगा की हमने अति प्राचीन ज्ञान के एकमात्र धारक सनातन धर्मीय परिवार में जन्म लिया है।
#वैदिक बिहारी जी नीतीश 
भारतवर्ष में जन्म लिया है।

आज के वैज्ञानिक समय कैसे नापते है?

पिकोसेकेण्ड 
नैनो सेकेण्ड 
माईक्रो सेकेण्ड, 
सेकेण्ड 
60 सेकेण्ड मे 1 मिनट, 
60 मिनट मे 1 घन्टा,
24 घन्टे मे 1 दिन,(पृथ्वी के आपनी धुरी पर घुमना)
30 दिन मे 1 माह 
12 माह मे 1 साल या वर्ष ।(पृथ्वी का सुर्य की एक वार परिक्रमण करना) बस ?

अब वेद पर आते है।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

*1 परमाणु = काल की सबसे सूक्ष्मतम अवस्था 
*2 परमाणु = 1 अणु 
*3 अणु = 1 त्रसरेणु 
*3 त्रसरेणु = 1 त्रुटि 
*10 ‍त्रुटि = 1 प्राण 
*10 प्राण = 1 वेध 
*3 वेध = 1 लव या 60 रेणु 
*3 लव = 1 निमेष 
*1 निमेष = 1 पलक झपकने का समय 
*2 निमेष = 1 विपल (60 विपल एक पल होता है) 
*3 निमेष = 1 क्षण 
*5 निमेष = 2 सही 1 बटा 2 त्रुटि 

*2 सही 1 बटा 2 त्रुटि = 1 सेकंड या 1 लीक्षक से कुछ कम। 
*20 निमेष = 10 विपल, एक प्राण या 4 सेकंड
*5 क्षण = 1 काष्ठा 
*15 काष्ठा = 1 दंड, 1 लघु, 1 नाड़ी या 24 मिनट 
*2 दंड = 1 मुहूर्त 
*15 लघु = 1 घटी=1 नाड़ी 
*1 घटी = 24 मिनट, 60 पल या एक नाड़ी 
*3 मुहूर्त = 1 प्रहर 
*2 घटी = 1 मुहूर्त= 48 मिनट 
*1 प्रहर = 1 याम 
*60 घटी = 1 अहोरात्र (दिन-रात) (पृथ्वी के आपनी धुरी पर घुमना )

*15 दिन-रात = 1 पक्ष 
*2 पक्ष = 1 मास (पितरों का एक दिन-रात) 
*कृष्ण पक्ष = पितरों का एक दिन और शुक्ल पक्ष = पितरों की एक रात। 
*2 मास = 1 ऋतु 
*3 ऋतु = 6 मास 

*6 मास = उत्तरायन (देवताओं का एक दिन-)वाकि 6 मास दक्षिणायण(देवता की रात)

*2 अयन = 1 वर्ष (पृथ्वी के सुर्य की परिक्रमा करना)

*मानवों का एक वर्ष = देवताओं का एक दिन जिसे दिव्य दिन कहते हैं। 

*1 वर्ष = 1 संवत्सर=1 अब्द 
*10 अब्द = 1 दशाब्द 
*100 अब्द = शताब्द 

*360 वर्ष = 1 दिव्य वर्ष अर्थात देवताओं का 1 वर्ष। 

* 12,000 दिव्य वर्ष = एक महायुग (चारों युगों को मिलाकर एक महायुग) =43,20,000 मानव वर्ष 

सतयुग : 4800 देवता वर्ष ×360(17,28,000मानव वर्ष) 
त्रेतायुग : 3600 देवता वर्ष× 360(12,96000मानव वर्ष) 
द्वापरयुग : 2400 देवता वर्ष×360 (8,64000मानव वर्ष) 
कलियुग : 1200 देवता वर्ष×360 (4,32000 मानव वर्ष) 

* 71 महायुग = 1 मन्वंतर 
* चौदह मन्वंतर = एक कल्प। 
* एक कल्प = ब्रह्मा का एक दिन। (ब्रह्मा का एक दिन बीतने के बाद महाप्रलय होती है और फिर इतनी ही लंबी रात्रि होती है)। इस दिन और रात्रि के आकलन से उनकी आयु 100 वर्ष होती है। उनकी आधी आयु निकल चुकी है और शेष में से यह प्रथम कल्प है। 

* ब्रह्मा का वर्ष यानी 31 खरब 10 अरब 40 करोड़ वर्ष। ब्रह्मा की 100 वर्ष की आयु अथवा ब्रह्मांड की आयु- 31 नील 10 अरब 40 अरब वर्ष (31,10,40,00,00,00,000 वर्ष) 

अव एक अहोरात्र (24 घंटे) पृथ्वी आपनी धुरी पर घुमती है।
एक वर्ष ( 365 दिन) मे जैसे पृथ्वी सुर्य के चारो तरफ घुमती है।

ठीक उसी तरहा सुर्य भी सारे ग्रह के साथ आकाशगंगा नाम के निहारिका की (पुराणो में आकाश गंगा शिशुमार चक्र नाम से प्रसिद्ध है) परिक्रमा कर रहे हें l

सिर्फ हमारे सुर्य ही नही और भी सुर्य आपने ग्रह मण्डल को लेकर इसकी परिक्रमा करते है । वेद के अनुसार हमारे आकाश गंगा में (शिशुमार चक्र में) 8 सुर्य है। 

1)आरोग
2)भाज
3)पटर
4)पतंग
5)स्वर्णर
6)ज्योतिषीमान
7)विभास
8)कश्यप 

हमारे सुर्य का नाम आरोग्य है।

 रुको अभी भी वाकी है, सुर्य को आकाश गंगा (शिशुमार चक्र) का एक चक्कर लगाने मे जितना समय लगता है उसे ही एक मनवंतर काल कहते है

 (4 युग मिलाकर 1 दिव्य युग 71 दिव्य युग मे एक मनवंतर पहले वता चुकी ) इये करने मे
4320000×71=30,84,48000 वर्ष लगते है।
आधुनिक विज्ञान इसे मानते है और उनके हिसाब से 25,00,00000 समय लगता है।

आधुनिक विज्ञान इस से आगे नही जा पाये।

मगर ऋषियों ने खोज कर ली l

अभी भी वाकि है👉आकाशगंगा के जैसा कई निहारिका है जिसके अन्दर वहुत सुर्य मण्डल और पृथ्वी जैसे ग्रह है।

ये सारी निहारिका एक व्रम्हाण्ड की परिक्रमा कर रहे। जिसके लिए एक कल्प (14 मन्वंतर मे एक कल्प) लग जाते हे। समय 4320000000 मानव वर्ष 

ऐसे हाजारो व्रम्हाण्ड है। जो आपने इन निहारिका ग्रह नक्षत्र को लेकर ध्रुव मण्डल की परिक्रमा कर रहे है l
इसमे व्रम्हा की 100 वर्ष (31,10,40,00,00,00,000 मानव वर्ष ) समय लगता है

ये वात तब की है जब भगवान ने ध्रुव जी को ये मण्डल प्रदान करते हुए कहा सारे व्रम्हाण्ड लय होने पर भी ध्रुव लोक नष्ट नही होगा तुम मेरे गोद मे सदा सुरक्षित रहो गे।
सप्त ॠषी अपने ग्रह नक्षत्र के साथ सदैव तुम्हारी प्रदक्षिणा करेंगे ।(भागवतपुराण )

सबसे अद्भुत वात ये हे ये सव परस्पर आकर्षण वल के प्रभाव से एक नियम अनुसार आपने में निर्दिष्ट दुरी रख कर युगो से प्ररिक्रमा करके चल रहे है l

क्या अब भी आपको भगवान पर
 विश्वास नही ?

और अपने बच्चों को Hello, Hay की तरह राम_राम_और_जय_श्री_कृष्णा 
कहना भी सिखाइये l

लेख पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद l

राम राम I

जय श्री कृष्ण II

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