न सुख से बचेगा रे, न दुःख से बचेगा रे।
बिना जागे स्वप्न से, बता तू कैसे बचेगा रे।
मोह निशा सब सोवन‌ हारा,  देखें स्वप्न अनेक  प्रकारा ।

क्या कुछ तुझसे पहले था क्या कुछ बाद में होगा।
न तू ये जाना है न कोई जानेगा 


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