वेदवन पार्क

वेदवन पार्क 
लोग बताते हैं कि वेदेवन पार्क जहां बना है वह कभी डंप यार्ड हुआ करता था। फिर जनवरी 2021 इस पार्क का निर्माण शुरू हुआ। इस क्षेत्र को पेड़ लगाने और निर्माण की सुविधा के लिए उपयुक्त बनाने के लिए, यहां की मिट्टी को कड़े संघनन से गुजरना पड़ा है। 3 साल की कड़ी साज सज्जा के उपरांत 25 जून 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पार्क का लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया। ताकि निकट भविष्य में नई पीढ़ी को ऋषि मुनियों के साथ वेदों का ज्ञान भी मिल सकेगा।

कहां है वेदवन पार्क 
वेदवन पार्क नोएडा के सेक्टर-78 स्थित है। और यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन नोएडा सेक्टर 101 है। आप यहां मेट्रो से उतरने के बाद ऑटो के जरिए जा सकते हैं या फिर गाड़ी से जा सकते है।

नोएडा के सेक्टर 78 में एसोटेक विंडसर कोर्ट के भीतर वेद वन रोड पर स्थित, पार्क का निकटतम मेट्रो स्टेशन नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन पर सेक्टर 101 है। सुविधाजनक रूप से, पार्क स्टेशन से केवल 5 मिनट की दूरी पर है, जिससे आगंतुकों के लिए आसान पहुंच संभव हो जाती है।

कितना बड़ा है?
यह पार्क 12 एकड़ में फैला हुआ है। 12 एकड़ अर्थात 29 हजार 300 वर्गमीटर में फैले इस पार्क का निर्माण ₹ 22.68 करोड़ में किया गया है। यह अपनी तरह का एकमात्र पार्क है। इस प्रकार का पार्क दिल्ली-एनसीआर में भी नहीं है। 

प्रवेश शुल्क
तुझे शुल्क आज दिनांक 4 जुलाई 2023 तक कुछ भी नहीं था अर्थात यहां प्रवेश निशुल्क था। लेकिन दर्शकों की बढ़ती संख्या के बीच अब नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने विजिटर्स से शुल्क लेने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार पार्क में एंट्री के लिए अब आपको 20 रुपए का शुल्क देना होगा हालांकि अभी कोई ऑफिशियल आदेश नहीं आया है। लेकिन हां, वेदवन जाने से पहले यह सोच कर घर से निकले कि यहां टिकट भी लग सकता है।

खुलने का समय
वेदवन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक आगंतुकों के लिए खुला रहता है। पार्क में हर रात 7:30 बजे वैदिक-थीम वाला लेजर शो आयोजित किया जाता है।
वीकडेस में करीबन हजारों लोगों की संख्या देखने को मिलती है। इसलिए यहां के लिए सोच समझकर निकले हैं।

क्या क्या है पार्क में?
पार्क में साइकिल ट्रैक और जॉगिंग ट्रेक के साथ-साथ पार्क में ओपन जिम भी है। रात्रि में आप लेजर होगा भी आनंद उठा सकते हैं।
जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है वेदवन पार्क, इसलिए इस पार्क को वेदों के रचयिता सप्त ऋषियो के नाम पर साथ भागों में विभक्त किया गया है। 

वेदों के बारे में जानकारी 
यहां चार वेदों के आधार पर अलग-अलग जोन बनाए गए हैं, हर जोन में वेद के हिसाब से जिन जड़ी बूटियों और औषधियों का इस्तेमाल होता है, उन्हें भी यहां लगाया जाएगा। पार्क में सप्तऋषि के नाम से भी जोन तैयार किए हैं। 

सात ऋषियों के नाम पर हैं सात जोन ​
बता दें, ये ऋषियों को समर्पित प्रदेश का पहला पार्क होने वाला है। इस थीम पार्क को कश्यप, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र और अगस्त्य सहित वैदिक युग के ऋषियों के नाम पर सात क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। 
पार्क में ऋषि अगस्त्य, ऋषि अत्रि, भारद्वाज ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि, ऋषि वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र के नाम पर सप्तऋषि जोन बनाया गया है। प्रत्येक जोन में उनके ज्ञान और उपदेशों की जानकारी का वर्णन किया गया है।
इनमें से हर एक में आपको ऋषियों का नाम दिखाई देगा जैसे कश्यप, भारद्वाज, अत्रि, विश्वामित्र। यही नहीं हर जोन में ऋषियों के जीवन से जुड़ी कुछ-कुछ घटना को स्कल्पचर और आर्ट के जरिए दिखाया गया है। 
पार्क के बीचों बीच ऋषि अगस्त्य की 30 फीट ऊंची मूर्ति लगाई गई है। जैसे अगस्त्य के बारे में कहा जाता है उन्होंने अपनी मंत्र शक्ति से समुद्र का समूचा जल पी लिया था, वेद वन में उनकी इस कड़ी का सजीव वर्णन किया गया है।


इन पेड़-पौधों का वेदों में रहा महत्व
चारों वेदों में जिन पेड़ पौधों का जिक्र है, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर आज भी धार्मिक अनुष्ठान, हवन और यज्ञ में होता है। और साथ ही आयुर्वेद में प्रयुक्त औषधियां के पौधे इनके सामान्य और वनस्पतीय नाम के  साथ लगाए गए हैं ताकि आमजन भी ने पहचान सके। इसमें कल्प वृक्ष, बेल, कदम्ब, कटहल, नीम, सेमुल, पलाश, अमलताश, गुगल, कमंडल, रूद्राक्ष, मंदार, बरगद, गूलर, पीपल, आम, बकुला, केला, पारीजात, आंवला, अशोक, चंदन, रीठा, सीता अशोक, साल, इमली, अर्जुन, बेर शामिल हैं।

शाम को होता है लेजर शो 
शाम को और मनोरंजक बनाने के लिए पार्क में रोजाना वॉटर लेजर शो भी किया जाता है। पार्क में हर रात 7:30 बजे वैदिक-थीम वाला लेजर शो आयोजित किया जाता है। इस वॉटर लेजर शो में आधे घंटे तक वेद और पुराणों की जानकारी दी जाती है। 
इसमें पहले संस्कृत भाषा के साथ-साथ हिन्दी में जीवन का परिकल्पना को बताया जाता है। लेजर शो देखने के लिए ओपन थियेटर भी यहां बनाया गया है।

द्वारा
ॐ जितेन्द्र सिंह तोमर 







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