महानवार्णमंत्र

#महानवार्णमंत्र!! 
इस मंत्र का नित्य 3 बार उच्चारण ही भगवती को प्रसन्न करने के लिए प्रर्याप्त है। यह मंत्र भगवती की कृपा प्राप्त करने शत्रुनाश और सभी कार्य में सफलता के लिए रुद्राक्ष या हकीक माला से 1 माला नित्य करें। 

महानवार्ण मंत्र :- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महादुर्गे नवाक्षरी नवदुर्गे नवात्मिके नवचण्डी महामाये महामोहे महायोगनिद्रे जये मधुकैटभ विद्राविणी महिषासुर मर्दिनी धूम्रलोचन संहन्त्रि चण्डमुण्ड विनाशिनी रक्तबीजान्तके निशुम्भध्वंसिनी शुम्भदर्पघ्नि देवि अष्टादश बाहुके कपाल- खट्वांग शूल खड्ग खेटक धारिणी छिन्न मस्तक धारिणी रूधिर मांस भोजिनी समस्त भूत प्रेतादि योग ध्वंसिनी ब्रह्मेन्द्रादि स्तुते देवि मां रक्ष रक्ष मम शत्रून् नाशय नाशय ह्रीं फट् ह्रूं फट् ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।। ~~~~~b`````~~~~d`````~~~~``v~~~~~

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