दिनमान से मध्याह्न, अपराद्ध, सायाह्न, प्रदोष आदि जानना
दिनमान से मध्याह्न, अपराद्ध, सायाह्न, प्रदोष आदि जानना प्राचीन भारतीय महर्षियों ने विभिन्न शास्त्रीय, वैदिक एवं लौकिक कार्यों को करने के लिए अपने सहस्त्रों वर्षों के अनुभवों एवं अनुसन्धानों के आधार पर मानव-उपयोगी 'काल मान' के ज्ञान का प्रकाश किया था। आजकल यद्यपि काल विभाजन अधिकांशतः घण्टा मिनटों, सैकिण्डों आदि में किया जाता है, परन्तु भारतीय ज्योतिषाचार्यों ने दिन-रात (अहोरात्र) का विभाजन दिनमान, रात्रिमान, घड़ी, पल, विपल, प्रहर, मुहृत्तों आदि में दिया गया है। व्रत, पर्व, त्यौहारों एवं याज्ञादि अनुष्ठानों सम्बन्धी नियमों में मध्याह्न, अपराह्न, प्रदोष, ब्रह्म आदि काल के विशेष उल्लेख मिलते हैं। सर्वसाधारण लोगों की सुविधा के लिए इनकी जानकारी एवं स्पष्टीकरण लिख रहे हैं। - अथ दिवारात्रौ पंचदश मुहूर्ता - मुहूर्त - मुहूर्त्त मार्त्तण्ड के अनुसार दिन और रात में पन्द्रह-पन्द्रह कुल (३०) मुहूर्त होते हैं। दिनमान अथवा रात्रिमान को १५ से भाग देने पर प्रत्येक मुहूर्त का समान मान निकलता है। दिन के और रात्रि के अलग-अलग औरतों के स्वामी और नक्षत्र के नाम यहां पर दिए गए हैं। दिन के ...