पुराणों में वर्णित 22 अद्भुत सिद्धियों

हनुमान जी को प्राप्त 8 सिद्धियाँ

हनुमान जी के पास वो 8 सिद्धियाँ थीं, जिनके आगे पूरा ब्रह्मांड नतमस्तक है
जानिए पुराणों में वर्णित 22 अद्भुत सिद्धियों का रहस्य!"
हनुमान जी को प्राप्त 8 सिद्धियाँ 
1. अणिमा  : शरीर को अणु जितना सूक्ष्म बना लेना 
 2. महिमा :  शरीर को विराट रूप देना 
 3. गरिमा :  शरीर को अत्यंत भारी बना लेना 
 4. प्राप्ति :  कहीं से भी कोई वस्तु प्राप्त कर लेना 
 5. प्राकाम्य :  इच्छाओं को तुरन्त सिद्ध कर लेना 
 6. ईशित्व :  सृष्टि पर स्वामित्व और नियंत्रण 
 7. लघिमा :  शरीर को अत्यंत हल्का बना लेना 
 8. वशित्व :  दूसरों को वश में कर लेना 

यही कारण है कि तुलसीदास जी ने कहा 
"अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन्ह जानकी माता।"

09. सर्वकामसिद्धि : सभी इच्छाओं की पूर्ति
10. दुर्वार श्रवण : दूर की ध्वनियों को सुनना
11. दुर्वार दर्शन : दूर की वस्तुओं को देख लेना
12. मनोजवित्व : मन की गति से चलने की शक्ति
13. पारकाय प्रवेश : अन्य शरीरों में प्रवेश करने की क्षमता
14. कायासिद्धि: शरीर को रोग और मृत्यु से मुक्त करना
15. मृतसंजीवनी : मरे हुए को जीवित करना
16. अग्निसिद्धि : अग्नि में न जलने की शक्ति
17. जलसंचालन : जल पर चलने या नियंत्रण रखने की शक्ति
18. आकाशगमन : आकाश में उड़ने की क्षमता
19. सांष्टसहार : सृष्टि की रचना और संहार की शत्र
20. भूवाक सिद्धि : पृथ्वी पर नियंत्रण
21. भविष्यदर्शिता : भविष्य देखने की शक्ति
22. त्रिकालज्ञान : भूत, भविष्य और वर्तमान का ज्ञान

पुराणों में वर्णित सिद्धियाँ (Divine Powers) विशेष आध्यात्मिक साधना, तपस्या और योग के माध्यम से प्राप्त होती हैं। ये सिद्धियाँ योगियों, देवताओं, और विशेष रूप से हनुमान जी जैसे परमतपस्वियों से जुड़ी होती हैं। 

 इनका उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों, विशेष रूप से योगशास्त्र, तंत्रशास्त्र, पुराणों और हनुमान चालीसा जैसे ग्रंथों में होता है। इन सिद्धियों को कोई सामान्य व्यक्ति नहीं, बल्कि तप, ध्यान, योग और पूर्ण आत्म-नियंत्रण के बाद प्राप्त कर सकता है।

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