मां अन्नपूर्णा की फोटो या मूर्ति घर में लगाने के लिए दिशा
मां अन्नपूर्णा की फोटो या मूर्ति घर में लगाने के लिए दिशा और स्थान का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार:
✅ सर्वश्रेष्ठ दिशा: पूर्व दिशा (East)
- कारण: पूर्व दिशा को सूर्य का स्थान माना गया है, जो ज्ञान, ऊर्जा और शुभता का प्रतीक है।
- मां अन्नपूर्णा अन्न, पोषण और समृद्धि की देवी हैं, इसलिए उनका मुख घर के पश्चिम की ओर होना चाहिए, ताकि आप जब उनकी पूजा करें तो आपका मुख पूर्व की ओर हो।
✅ वैकल्पिक दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण)
- यह दिशा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
- इस दिशा में देवी की फोटो या मूर्ति रखने से घर में अन्न, धन, शांति और प्रसन्नता बनी रहती है।
❌ कहां न रखें:
- दक्षिण दिशा में कभी न लगाएं, यह पितृ दिशा मानी जाती है।
- रसोईघर में चूल्हे के ऊपर या पास न लगाएं, क्योंकि यह अपवित्र हो सकता है।
- बाथरूम के सामने या पास में न रखें।
📿 कुछ विशेष बातें ध्यान रखें:
- मां अन्नपूर्णा की फोटो में उन्हें अन्न का भंडार, थाली या अन्न से भरा पात्र लिए हुए दिखाया गया हो।
- पूजा करते समय दीपक जलाएं और भोजन बनाने से पहले उन्हें मानसिक रूप से अर्पित करें:
"अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राणवल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति॥"
🏡 उपयुक्त स्थान:
- रसोईघर के पूजन स्थान (पूर्व या उत्तर-पूर्व कोना) में।
- घर के मंदिर में, जहाँ रोज पूजा होती है।
- भोजन कक्ष (Dining area) में भी एक छोटी प्रतिमा शुभ मानी जाती है।
यदि आप चाहें तो मैं आपको एक सजावटी फोटो फ्रेम के साथ मां अन्नपूर्णा की फोटो डिज़ाइन भी बना सकता हूँ। क्या आपको चाहिए?
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