आपको “चौकी (पैसा) बाँधने का मंत्र” की सही, विस्तृत, सरल और सुरक्षित जानकारी दी जा रही है।

आपको “चौकी (पैसा) बाँधने का मंत्र” की सही, विस्तृत, सरल और सुरक्षित जानकारी दी जा रही है।

⚠️ ध्यान दें: यह एक तांत्रिक/शाबर परंपरा का प्रयोग है। इसका भावार्थ समझना आवश्यक है। किसी भी प्रकार के हानि-पूर्ति, किसी का नुकसान, या गलत लाभ हेतु प्रयोग शास्त्र सम्मत नहीं माना जाता।
✅ चौकी (पैसा) बाँधने का मंत्र — विस्तृत जानकारी
॥ चौकी (पैसा) बाँधने का मंत्र ॥
काली-पीली कंकड़ी, हनुमान की खोपड़ी, नारसिंह का कड़ा।
जहाँ से मिलूँ, वहाँ से हाथ जोड़कर हाजिर खड़ा।
कच्ची-पक्की दो लकड़ी बनाईं, कच्ची-पक्की लकड़ी बना के क्या करे?
कच्चे-पक्के दो कोले बनाए, कोले बना के क्या करे?
मसान की चौकी बनाए।
अजधर बाँधों, बजन्धर बाँधों।
चिपक जा पैसा, दोहाई गुरु गोरखनाथ की आना॥
🔱 1. यह मंत्र क्या है?
यह एक शाबर तांत्रिक प्रयोग है, जिसका उद्देश्य होता है—
धन का रुकना
खर्च में कमी
घर/दुकान में पैसों का स्थिर होना
आर्थिक पक्ष की रक्षा
जगह की सुरक्षा (तांत्रिक दृष्टि से)
इसे “चौकी बाँधना” इसलिए कहते हैं क्योंकि यह ऊर्जा की चौकी स्थापित करता है—जहाँ से नकारात्मकता या धन हानि अंदर नहीं आ सके।
🔱 2. मंत्र का भावार्थ (Meaning / व्याख्या)
मंत्र में काली-पीली कंकड़ी, हनुमान की खोपड़ी, नरसिंह का कड़ा आदि का प्रतीकात्मक उल्लेख है।
इनका अर्थ वास्तविक वस्तुएँ नहीं होता, बल्कि ऊर्जा-तत्वों का संकेत होता है:
🔻 प्रतीकात्मक अर्थ:
काली-पीली कंकड़ी → स्थिरता + रक्षा
हनुमान की खोपड़ी → बाधा नाश
नरसिंह का कड़ा → सुरक्षा और शक्ति
कच्ची-पक्की लकड़ी → सृष्टि व नाश का संतुलन
कोले (कोयले) → नकारात्मक ऊर्जा को सोखना
मसान की चौकी → अदृश्य सुरक्षा कवच
अजधार/बजंधर बाँधो → ऊर्जा को स्थिर करना
चिपक जा पैसा → धन स्थिर होने का आदेश
दोहाई गुरु गोरखनाथ → सिद्ध परंपरा से शक्ति आह्वान
👉 इसका सीधा अर्थ यह है कि—
“मेरे धन को कोई चला न पाए। मेरी जगह सुरक्षित रहे। धन मेरे पास स्थिर रहे।”
🔱 3. मंत्र का सही उपयोग (विधान)
नीचे दिया गया विधान प्रचलित, सरल और सुरक्षित रूप में समझाया गया है:
⭐ कब करें?
मंगलवार, शनिवार
अमावस्या, पूर्णिमा
सुबह या रात 9 बजे के बाद
⭐ कौन-सी जगह?
दुकान की तिजोरी
कैश काउंटर
घर की तिजोरी
व्यवसाय के मुख्य दरवाज़े
जमीन/जगह की नींव
⭐ क्या सामग्री चाहिए?
हल्दी की पोटली
काले तिल
सफेद धागा
लाल कपड़ा
एक छोटी ‘चौकी’ (लकड़ी/कागज की भी चलेगी)
देशी कपूर
⭐ विधान (Step-by-Step):
1️⃣ जगह शुद्ध करें
कपूर जलाकर तीन बार घुमाएँ।
2️⃣ छोटी चौकी या कागज पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
3️⃣ उस पर काले तिल + हल्दी की पोटली रखें।
4️⃣ दाएँ हाथ में जल लेकर संकल्प करें:
“मेरे व्यवसाय/घर में धन स्थिर रहे।”
5️⃣ मंत्र 21 बार पढ़ें।
जहाँ “बाँधों” लिखा है वहाँ दाहिने हाथ से गाँठ बांधने जैसा संकेत करें।
जहाँ “खोलूँ" पढ़ना है — वह केवल चौकी खोलने के समय!
6️⃣ मंत्र पूरा होने पर पोटली को
तिजोरी में
या
दुकान के दरवाज़े की ऊपर वाली चौखट पर चिपकाएँ।
🔱 4. “विशेष” की व्याख्या
मंत्र के नीचे जो लिखा है—
“चौकी खोलने के लिए जहाँ बाँधो लिखा है वहाँ खोलूँ पढ़ने से चौकी खुल जाएगी।”
इसका सीधा अर्थ है:
जब तक बाँधो पढ़ते हैं → चौकी सक्रिय रहती है।
जब खोलूँ पढ़कर मंत्र बोलते हैं → चौकी समाप्त हो जाती है (ऊर्जा विसर्जन)।
यह ऊर्जा नियंत्रण प्रणाली है, जिसे शाबर परंपरा कहते हैं।
🔱 5. क्या यह “पैसा चिपकाने” वाला तंत्र है?
हाँ, परंपरा में इसे
धन चिपकाना,
आर्थिक स्थिरता,
लक्ष्मी अवरोध हटाना
के रूप में जाना जाता है।
इसका उद्देश्य गलत तरीके से धन खींचना नहीं, बल्कि
👉 पैसों का बेवजह बहना रोकना + व्यवसाय स्थिर करना होता है।
🔱 6. सावधानियाँ
मंत्र को किसी का नुकसान पहुँचाने के लिए न करें।
नशे में, गुस्से में, या अपवित्र अवस्था में न करें।
तिजोरी में रखी चौकी को बिना कारण मत हटाएँ।
खोलने हेतु मंत्र में “खोलूँ” बोलना आवश्यक है।
🔱 7. क्या यह वास्तव में काम करता है?
शाबर मंत्र विश्वास + नियम + ऊर्जा केंद्रित ध्यान पर आधारित होते हैं।
यदि आप:
नियमित व्यवसाय पर ध्यान रखें
घर/दुकान में सफाई व साकारात्मक माहौल रखें
मंत्र को निष्ठा से करें
तो इसका प्रभाव कई लोगों को मिलता है।
Note 
यह जानकारी भारतीय लोक-आध्यात्मिक परंपरा और शाबर मार्ग में वर्णित मान्यताओं पर आधारित है।
यह केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अध्ययन के उद्देश्य से साझा की जा रही है।
कोई भी प्रभाव व्यक्ति की श्रद्धा, भाव, साधना और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है।
हम किसी भी प्रकार के चमत्कार, उपचार या गारंटी का दावा नहीं करते।

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