भगवान नागचन्‍द्रेश्‍वर

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नागपंचमी पर्व पर कल रात 12 बजे वर्ष में एक बार खुलता है भगवान नागचन्‍द्रेश्‍वर के पट।
उज्‍जैन 08 अगस्‍त 2024 रात्रि 12:00 बजे से दिनांक 09 अगस्‍त शुक्रवार तक नागपंचमी पर्व मनाया जायेगा, जिसमें देश के कोने-कोने से काफी संख्‍या में श्रद्धालु भगवन नागचन्‍द्रेश्‍वर के दर्शन के लिए आयेंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्‍यापक व्‍यवस्‍थाएं सुनिश्चित की हैं।

उल्‍लेखनीय है कि श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर के पट साल में एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है।  हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। 
श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकरेश्‍वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर का मंदिर प्रतिष्‍ठापित है। श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर में 11 वीं शताब्‍दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्‍थापित है, प्रतिमा में श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर स्‍वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्‍द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की मूर्ति अपने आप में भव्‍य एवं कलात्‍मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। 

कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्‍यता है कि, उज्‍जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की मुख्‍य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते हैं।
08 अगस्‍त गुरुवार की रात्रि 12 बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद रात्रि 12 बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ  आम भक्‍तों के लिये मंदिर के खुल जायेंगे और श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर महादेव के 09 अगस्त शुक्रवार को लगातार 24 घंटे दर्शन होंगे। मंदिर के पट शुक्रवार की रात्रि 12 बजे बंद होंगे।

"श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा"

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की त्रिकाल पूजा होगी। जिसमें गुरुवार 08 अगस्‍त की मध्यरात्रि 12  बजे पट खुलने के पश्‍चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत श्री विनितगिरी जी महाराज एवं श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्‍टर एवं अध्‍यक्ष श्री नीरज कुमार सिंह द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया‍ जायेगा। 

शुक्रवार 09 अगस्‍त को अपरान्‍ह: 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। 

श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शुक्रवार 09 अगस्‍त को ही श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सायं आरती के पश्‍चात श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जायेगा।

उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर: क्यों खुलता है सिर्फ साल में एक दिन हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। भारत में नागों के अनेक मंदिर हैं, इन्हीं में से एक मंदिर है उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर का, जो की उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है।

इसकी खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी (श्रावण शुक्ल पंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं।

नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा है, इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं। कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं। मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं।

              🌹 🔱 !! ॐ नमः शिवाय !! 🔱 🌹

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